
दशकों पूर्व आई आपदा में भी यह मंदिर मलबे में दब गया था इसके बाद जमीन खोदकर निकाला गया था, वर्ष 1945 में स्थानीय लोगों को कल्पकेदार मंदिर का शिखर नजर आया था तब इस मंदिर को खोदकर निकाला गया था
उत्तरकाशी। उत्तरकाशी जिले के धराली में आपदा के बाद पूरा कस्बा मलबे में तब्दील हो गया है। इसके साथ ही वहां पर स्थित धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर प्राचीन कल्पकेदार मंदिर भी आपदा के मलबे में दब गया। यहां वर्षों पूर्व खुदाई में कई मूर्तियां और शिवलिंग निकले थे लेकिन मंगलवार को आई आपदा के कारण मंदिर एक बार फिर मलबे में दब गया है। दशकों पूर्व आई आपदा में भी यह मंदिर मलबे में दब गया था इसके बाद जमीन खोदकर निकाला गया था।
वह मंदिर फिर आपदा के मलबे में समा गया है। मुख्यालय से करीब 80 किलोमीटर दूर गंगोत्री हाईवे पर धराली गांव स्थित है सड़क के बाई और 50 मीटर की दूरी पर वहां पर भागीरथी तट पर प्राचीन कल्पकेदार मंदिर था। मंदिर समिति के लोग बताते हैं कि कभी यहां सैकड़ों मंदिरों का समूह होता था। संवत 1700 में पहाड़ टूटने से भागीरथी पर बनी झील में अधिकांश मंदिर समा गए थे और बचे हुए मंदिर भी बाद में गांव के बीच से बहने वाली खीर गंगा की भेंट चढ़ गए। मंगलवार को एक बार फिर आई आपदा में मंदिर पुनः मलबे की चपेट में आकर दब गया है। वर्ष 1945 में स्थानीय लोगों को कल्पकेदार मंदिर का शिखर नजर आया था तब इस मंदिर को खोदकर निकाला गया था।